क़तर में भारत के पहले के नौसैनिकों का जुर्म कितनी कम हुई, क्या कह रहे हैं परिजन- एक रिपोट

इंडिया ने कहा है कि क़तर की एक न्यायालय ने इंडिया के आठ पूर्व नौसैनिकों को दी गई मौत की सज़ा को कम करते हुए अभी क़ैद तक सीमित कर दी है

हिंदुस्तान टाइम्स अख़बार ने खबर दी है कि इन सब आठ लोगों को तरह तरह की सज़ा दी गई है तथा अब इनको तीन से 25 साल की कै़द की सजा दी गई है

द हिंदू की खबर के हिसाब से इसे पहली बड़ी कामयाबी बताया है जबकि ये भी लिखा है कि इन लोगों के फैमली वाले इस बात से नाराज़ हैं

फैमली का कहना है की उन पर लगे जासूसी के इलज़ाम को अभी नहीं हटाया गया है जनसत्ता ने इसे इंडिया के लिए बड़ी कूटनीतिक जीत बताया है

एक अख़बार के मुताबिक कि इन आठों इंडियन नागरिकों के फैमली ने अब इस मामले को लेकर कोर्ट ऑफ़ कैसेशन (अपील के लिए उच्चतम कोर्ट) में जाने की निर्णय किया है

मतलब क़तर की जेल में बंद इंडियन के परिजन उच्चतम कोर्ट में सज़ा के ख़िलाफ़ अपील करेंगे

टाइम्स ऑफ़ इंडिया के हिसाब से इन आठ पूर्व नौसैनिकों पर लगाए गए आरोपों के बारे में कभी भी सार्वजनिक तौर पर बताया नहीं गया था

फिलहाल मीडिया में आई जानकारी के हिसाब से, इन पर कथित तौर क़तर की पनडुब्बी परियोजना से जुड़ी जानकारी दूसरे और किसी मुल्क को देने का आरोप लगाया गया था

एक अखबार की खबर के हिसाब से इन्हें तीस साल, 10 साल, 15 साल तथा  25 साल की क़ैद की सज़ा मिली है