पानी हो या खाना प्लास्टिक में होना  कितना ख़तरनाक

पीने का साफ़ पानी होना इंसान की ज़रूरतों  में से एक है

कभी भी हम जब सफर कर रहे हों या कोई स्थान हो, जहाँ पर साफ़ पानी न मिल पाए,  उस स्थान पर हमारी कोशिश होती है कि  बंद बोलत पानी मिल जाए

हमारा ये मानना हैं कि इस बंद बोलत में गंदगी नहीं होंगी. मगर इस बंद बोलत के अंदर माइक्रोप्लास्टिक यानी प्लास्टिक के अनलिमिटेड  छोटे छोटे कण हो सकते हैं

अमीरिका तथा रटगर यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं को मिला है कि  बंद बोलत पानी में पहले के गेस की कम्पेरिज़न में 100 गुना अधिक माइक्रोप्लास्टिक हो सकते हैं

शोधकर्ताओं ने पाया कि एक लीटर पानी में लगभग ढाई लाख नैनोप्लास्टिक कण  हो सकते हैं

यदि आप अपने आसपास देखेंगे तो आपको प्लास्टिक की बहुत सारी चीज़ें नज़र आएंगी

इन सब चीज़ों के छोटे टुकड़े जब बहुत ज़ादा छोटे आकार में टूट जाते हैं तो उन्हें माइक्रोप्लास्टिक कहा जाता है

एक प्रॉब्लम तो यह है कि पीने के पानी में भी माइक्रोप्लास्टिक हो सकते हैं