Swami Prasad Maurya का यह बयान सुनकर.. आप हो जाएंगे गुस्से से लाल! सत्य न्यूज़ हिंदी

Swami Prasad Maurya का यह बयान सुनकर.. आप हो जाएंगे गुस्से से लाल!

suami prasad morya
 

स्वामी प्रसाद मौर्य Swami Prasad Maurya ने जब से श्री राम चरित्र पर प्रश्न उठाया है। तब से ही उनकी चर्चा चारों ओर सुर्खियों में हो रही है। उन्होंने ऐसा क्यों किया? यह किसी को नहीं पता! लेकिन शायद कोई उनको भूल ना जाए।

इसीलिए वह इस तरह की विवादित बयान देकर सुर्खियों में बने रहना चाहते हैं। लेकिन प्रश्न यह है कि हमेशा हिंदू धर्म के देवी-देवताओं को टारगेट क्यों किया जाता है?इस पर सभी मौन है!

भारत में अपने धर्म का का प्रचार प्रसार करने का अधिकार सभी का होता है। लेकिन किसी धर्म को हमेशा टारगेट करके उसकी आलोचना का अधिकार किसी का नहीं होता। लेकिन इसके बावजूद स्वामी प्रसाद मौर्य संविधान के सभी नियमों को ताक पर रखते हुए लगातार हिंदू धर्म के यहां आधारशिला श्री राम और राम चरित्र मानस सहित।

ये भी पढ़ें:- क्या आप जानते है ayodhya ram mandir आंदोलन का पूरा इतिहास?…

श्री लक्ष्मण पर लगातार प्रश्नचिन्ह उठा रहे हैं। आज हम इसी Swami Prasad Maurya की हर बात की पड़ताल करेंगे। और आपको यह बताएंगे कि सभी प्रसाद मौर्य के इस तरह का बयान देने के पीछे कारण क्या है? जिसके कारण वह हिंदू धर्म के श्री राम और लक्ष्मण सहित रामचरितमानस पर आरोप लगाते रहते हैं।

कैसे शुरू हुआ ये मामला

दरअसल यह आरोप का सिलसिला रामचरितमानस में एक लिखित पंक्ति से शुरू हुआ। और तब से थमने का नाम नहीं ले रहा है, अभी पिछले कुछ हफ्तों से रामचरितमानस में लिखी एक पंक्ति ‘सकल तारण के अधिकारी’ पर स्वामी प्रसाद मौर्य बखेड़ा खड़ा कर दिया।

जिस धार्मिक ग्रंथ से बड़े-बड़े दिग्गज ज्ञानी भी ज्ञान पाते थे। उसी धार्मिक ग्रंथ में लिखित कुछ पंक्तियों पर स्वामी प्रसाद मौर्य सभी से जुदा विचार प्रकट करते पाए गएविवाद इतना बढ़ा कि लोग सोशल मीडिया का सहारा लेकर स्वामी प्रसाद को टारगेट करते रहे। और दिन प्रतिदिन उनका नाम बच्चों सहित बड़े-बड़े लोगों को ज्ञात होने लगा।

लेकिन शायद Swami Prasad Maurya अभी भी चैन से नहीं सोए। उन्होंने एक नया बखेड़ा खड़ा कर दिया। और यह बखेड़ा कुछ वैसा ही है।

जैसा राम चरित्र मानस पर था बस फर्क इतना है कि पहले स्वामी प्रसाद Swami Prasad Maurya का प्रश्न धार्मिक ग्रंथ रामचरितमानस पर था। और अब स्वामी प्रसाद मौर्य का प्रश्न चिन्ह श्रीराम के छोटे भाई लक्ष्मण पर है। जो उन्हें पहले की तुलना में और ज्यादा चर्चा का विषय बना देगा।

दरअसल अभी हाल ही में suami prasad morya ने एक टीवी चैनल को इंटरव्यू देते हुए कहा है कि आक्रमणकारियों से लक्ष्मण का क्या वास्ता? वह कौन सी लड़ाई लड़ने आए थे? लक्ष्मण कहीं फ्रीडम फाइटर में कहीं दिखाई पड़े थे क्या?

Swami Prasad Maurya ने अब लक्ष्मण को लेकर दिया विवादित बयान

उन्होंने कहा कि अगर लखनऊ का नाम बदलना है तो पासी समाज की महिला वीरंगना देवी के नाम पर क्यों नहीं रख देते हैं। मौर्य ने कहा कि लाखन पासी लखनऊ के राजा थे उनके नाम पर रख दे, नाम बदलना बच्चों के घरौंदे का खेल नहीं है।

जैसा की ज्ञात है कि इन दिनों यूपी की राजधानी लखनऊ का नाम श्री राम के छोटे भाई लक्ष्मण पर रखने की चर्चा सुर्खियों में है।

यूपी के कई बड़े-बड़े मंत्री सहित यूपी के मुख्यमंत्री भी लखनऊ Lucknow को श्री राम के छोटे भाई लक्ष्मण के नाम पर रखने के प्रस्ताव से सहमति दिखाते पाए जा रहे हैं शायद यही कारण है कि अभी हाल ही में योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ को शेष अवतार लक्ष्मण का नगर लिखा था।

और इसीलिए एक टीवी चैनल ने लखनऊ का नाम लक्ष्मणपुर रखने का प्रश्न Swami Prasad Maurya के सामने रख दिया, स्वामी प्रसाद मौर्य प्रश्न सुनते ही तिलमिला गए। और उन्होंने वही कह दिया जो हमने आपको ऊपर बताया है। तो चलिए इस बयान की कुछ झलकियां आपको हमसे सुनाते हैं। जिसने स्वामी प्रसाद की छटपटाहट बखूबी दिख रही है

लेकिन खैर भला हो इस इंटरव्यू लेने वाले पत्रकार का, जिसको पता था की Swami Prasad Maurya जब रामचरितमानस पर लिखी पंक्तियों के खिलाफ हो गए थे तो वह लक्ष्मण के पक्ष में कैसे हो सकते थे? लेकिन इसके बावजूद उसने स्वामी प्रसाद मौर्य के सामने वही प्रश्न दाग दिया।

ये भी पढ़ें:- Turkey Earthquake Update: क्यों turkey मे भूकंप टैक्स को लेकर हो रही है मारामारी?

जिसे वह कभी सुनना ही नहीं चाहते थे! बस फिर क्या था? इंटरव्यू लेने वाले को मसालेदार और मिल गई। और स्वामी प्रसाद मौर्य को बिना पोस्टर ही अपना नाम जग जाहिर करने का एक बड़ा माध्यम!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

© 2021, Satya News All Rights Reserved |