अयोध्या: जिन व्यापारियों की विकास के नाम पर दुकानें टूटीं आखिर क्या हाल हैं उनका - सत्य न्यूज़ हिंदी

अयोध्या: जिन व्यापारियों की विकास के नाम पर दुकानें टूटीं आखिर क्या हाल हैं उनका

अयोध्या
 

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2022 में अयोध्या में तीन मार्ग, राम पथ, भक्ति पथ तथा जन्मभूमि पथ को चौड़ा करने का काम स्टार्ट हो रहा था । बहुत सी दुकानें पूरी तरह से तोड़ी जा रही थीं तथा कुछ दुकानों को तोड़-तोड़ कर छोटा किया जा रहा था ।

कुछ दुकानदार किराए पर काफी वर्षों से अपनी छोटी-छोटी शॉप चला रहे थे । वो इन सड़कों के विकास से परेशान थे, गुस्सा थे वे अपने फैमली तथा वयापार के भविष्य को लेकर काफी परेशान थे

आज कल रामलला को जाने वाले ये तीनों रास्ते बनकर बिलकुल तैयार हैं । अयोध्या के मार्किट श्रद्धालुओं के लिए सजे हुए हैं । रास्तों को चौड़ा करने जो दुकाने तोड़ कर छोटी की गईं जादातर दुकानें बनकर तैयार हैं ।

2022 में हमने जिन दुकानदारों से बात की थी, हमने उन्हीं से एक बार फिर बात चीत की इस समय हमने यह जानने का प्रयास किया कि अब उनके दुःख कैसे हैं ।

अयोध्या में तोड़ फोड़ कर बहुत छोटी हो गई हैं दुकानें

वर्ष 2022 में जब हम ने बिज़्नेस्मैन अभिषेक कुमार कसेरा से मुलाकात किया था तो रामलला पथ को चौड़ा करने के लिए अभिषेक की शॉप का कुछ पार्ट भी तोड़ा जा रहा था ।

योगी मोदी सरकार से अभी भी गुस्सा हैं कमला देवी

वर्ष 2022 नवंबर में कमला देवी तथा उनके फैमली की किराए की दुकान भी तोड़ी जा रही थी । उस वख्त वो योगी सरकार से काफी गुस्सा थीं । कमला देवी का कहना था कि उनको मुआवज़ा नहीं चाहिए केवल दुकान के बदले उनको दुकान चाहिए ।



जनवरी वर्ष 2024 में कमला देवी की शॉप भी तोड़ फोड़ कर छोटी हो गई है । मगर दुकान मालिक से लड़ाई के चलते वो दुकान अभी तक उसे सही नहीं हो पाई हैं ।

कमला देवी को प्रशासन से एक लाख रुपए की धन राशि भी मिली मगर उससे कमला देवी की नाराज़गी अभी दूर नहीं हुई है ।

दुख काफी बड़ा है भगवत प्रसाद पहाड़ी का

बड़ा दुख भगवत प्रसाद पहाड़ी तथा उनकी फैमली वर्ष 1985 से रामलला विराजमान के कपड़ें सिलते आ रहा है.उस वख्त रामलला बाबरी मस्जिद के गुम्बद के नज़दीक रहते थे ।

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पहले तो उनको दिल्ली सरकार से भी रामलला के कपड़ें सिलने का आर्डर मिलता था । मगर अब जादातर आर्डर दर्शन करने वाले को दिया करते हैं ।

आखिर में भगवत प्रसाद कहते हैं, “मगर जो दाल-रोटी का सहारा है वो भी छिन गया बिलकुल

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