बिहार की सियासत आखिर दिल्ली में क्यों हैं? सत्य न्यूज़ हिंदी

बिहार की सियासत आखिर दिल्ली में क्यों हैं?

NDA
 

NDA

आज कल बिहार की सियासत काफी तेज़ हैं मुख्यमंत्री तथा जनता दल यूनाइटेड प्रमुख मुख्यमंत्री नीतीश कुमार Cm Nitish kumar राष्ट्रीय जनता दल तथा कांग्रेस के साथ महागठबंधन को छोड़कर एक बार फिर एनडीए NDA में हो सकते हैं खबर में तो बिहार Bihar के सीएम भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने की चल रही हैं ।

जबकि बिहार Bihar के उमेश सिंह कुशवाहा ने इन ख़बरों को केवल कल्पना बताया तथा कहा उनकी पार्टी ‘अभी भी महा गठबंधन मे ही है तथा इसमें कोई ‘शक’ नहीं है ।

कुशवाहा ने बताया, “हमको किसी तरह की कोई जानकारी नहीं है । हम को तो इतना ही जानते हैं ।कि मेरे नेता काम कर रहे हैं तथा वो उसमें बिज़ी हैं ।

दूसरी तरफ बीजेपी BJP के नेता रेनु देवी ने कहा, “इसके बारे में हमें भी नहीं पता है अभी तो मेरा सिर्फ एक ही लक्ष्य है कि हम लोकसभा इलेक्शन की तैयारी में लगे हुए हैं ।

बहाना है या फिर पहले से थी NDA की योजना

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार Cm Nitish kumar वर्ष 2014 के लोकसभा इलेक्शन से पूर्व वर्ष 2013 में एनडीए NDA से अलग हुए थे आखिर में उन्होंने आरजेडी तथा कांग्रेस के साथ मिल जुलकर महा गठबंधन बनाया



वर्ष 2017 में वो महा गठबंधन से दूर होकर फिर से एनडीए NDA में शामिल हुए उसके बाद में वो एनडीए NDA से नाता जोड़ा फिर महा गठबंधन में आए और अब लगता है एक बार फिर एनडीए NDA में उनकी वापसी के कयास लग रहे हैं ।

बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फार्मूला

कांग्रेस पार्टी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ की स्टार्टिंग से पूर्व जेडीयू नेता केसी त्यागी ने बीबीसी BBC से बातचीत में चिंता जताई थी ।

कि केंद्र में राहुल गांधी Rahul gandhi के न होने से इंडिया गठबंधन के दलों के माध सीट बटवारे को लेकर हो रही बात चीत पर अच्छा असर नहीं पड़ सकता है ।

मगर गुज़रे वर्ष में ये देखा गया है कि चाहे भाजपा हो या तो आरजेडी, दोनो ही दलों के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार Cm Nitish kumar ने खुद को प्रासंगिक बना कर रखा है ।

ये भी पढ़ें:- आखिर टूट ही गया ‘INDIA’ गठबंधन, ममता बनर्जी का बड़ा फैसला

वो मानते हैं, “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार Cm Nitish kumar जी के पास खुद का बहुत वोट नहीं हैं मगर जब वो किसी के साथ होते हैं तो उसके असर के साथ वो वोट उनके साथ होता है ।

हिन्दू मुस्लिम राजनीति इतनी हावी हो गई है तथा जानिगत जनगणना के बाद अब हर कास्ट को अपना कैंडिडेट ही दिख रहा है ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

© 2021, Satya News All Rights Reserved |