कृषि कानूनों के विरोध में यूपी के मुज़फ्फर नगर में प्रारम्भ हुई महापंचायत -
December 7, 2024

कृषि कानूनों के विरोध में यूपी के मुज़फ्फर नगर में प्रारम्भ हुई महापंचायत

कृषि कानूनों के विरोध में प्रारम्भ हुई महापंचायत
 

5 सितम्बर को कृषि कानूनों के विरोध में किसानों कि महापंचायत मुज़फ्फर नगर में हुई जिसमें किसानों के 60 संगठन शामिल हुए । इस महापंचायत में लगभग किसानों कि संख्या लाखों में रही ।

इस महापंचायत का मकसद तीनों कृषि कानूनों को रद करना है तथा यूपी के विधान सभा चुनाव पर असर डालना है । यूपी के मुज़फ्फर नगर जिले के जीआईसी के मैदान से किसानों की महापंचायत शुरु हुई ।

इसमें देश भर के लगभग लाखों किसानों कि तादात रही । महापंचायत ने संयुक्त किसान मोर्चा ने 27 सितम्बर को भारत बंद का एलान किया ।और राकेश टिकैत ने ये ऐलान किया कि किसान महापंचायत तब तक होगी जबतक ये काले कानून वापस ना होगा । इसके लिए चाहे जितने किसानों को शहीद होना पढ़े ।

माहापंचायत मे लगे अल्ल्हु अक्बर और हर हर महादेव के नारे ।

आज किसान महापंचायत में राकेश टिकैत कि अगवई में किसानों ने बीजेपी को आढ़े हाथों लेते हूए अपने मंच से अल्ल्हु अक्बर और हर हर महादेव के दोंनों नारे लगवाए और आगे कहा कि बीजेपी सिर्फ देश को तोड़ने कि बात करती है । और हम देश को तोड़ने वालों को देश चलाने का मैका नहीं देगें आगे टिकैत ने बोलते हूए कहा इस देश में सरकार चलाने का हक उसे ही है जो हिंदू मुस्लिम सिक इसाई अमीर गरीब काले गोरे को साथ लेकर चले ।

27 सितम्बर को भारत बंद का ऐलान ।

आज मुज़फ्फर नगर के महापंचायत में संयुक्त किसान मोर्चा कि तरफ से ऐलान किया गया कि तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के तहत 27 सितम्बर को भारत बंद किया जाएगा । किसान संगठन ने ये तय कर रखा है कि जबतक सरकार ये कृषि कानून वापस ना लेगी तबतक इसी तरह से किसान महापंचायत व भारत बंद का ऐलान होता रहेगा ।

शहीद हो जाएगें लेकिन महापंचायत नहीं छोड़ेंगें: राकेश टिकैत

आज मुजफ्फर नगर के जीआईसी के मैदान से राकेश टिकैत ने कहा कि हम शहीद हो जाएगें लेकिन महापंचायत करना नहीं छोड़ेगे । और ना ही ये आंदोलन खतम होने देगें । टिकैत ने आगे सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि गन्ने का भाव अभी हमें बहुत कम मिल रहा है । हमें 450 रु कुंतल चाहिए । जबतक ये काले कानून सरकार वापस ना लेगी । तबतक हम मानने वाले नहीं है । और न ही हमारी घर वीपसी होगी ।

संयुक्त किसान मोर्चा ने ये ऐलान किया कि आगामी 9 और 10 सितम्बर को मोर्चें कि बैठक होगी । आगे टिकैत ने बोलते हुए कहा कि लगभग हमारे सैकड़ो किसान भाई शहीद हो चुके है । तो हम उनकी जान का बदला इस कृषि कानून को वापस कराके लेगें । या फिर हम सारे किसान शहीद होके रहेगें ।

राकेश टिकैत ने कहा जब भारत सरकार हमें बाद चीत के लिए बुलाएगी । तो हम जाएगें जब तक सरकारे हमारी मांगे पूरी नहीं करती तब तक किसान आंदोलन जारी रहेगा । आज़ादी का संघर्ष 90 सालों तक चला एसे मे मुझे नही पता कि ये आंदोलन कबतक चलेगा । ऐसे में मुझे ये पता है कि या तो सरकार ये काले कानून वापस लेगी या हम शहीद होगें ।

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क्योंकि भारत सरकार बात करने के लिए तैयार नहीं है सरकार ने बात करनी बंद कर दी है । हमारा सिर्फ मिशन यूपी नहीं देश बचाना है । हम सिर्फ किसानों के मुद्दे नहीं उठा रहे है बल्की देश में जहां जहां गलत हो रहा है । हम उसे ठीक करने में लगे  है ।

जैसे सरकारी कर्मचारियों कि पेंशन खतम कर दी गई बड़े लोग पैसे लेकर भाग रहे है बिजली को प्राइवेट किया जा रहा है । सरकार रेलवे व एलआईसी को बेच रही है संविधान खतरे में है इसे बचाना होगा ।

यूपी ही नहीं देश बचाना चाहते है किसान

मुज़फ्फर नगर के जीआईसी मैदान से ये ऐलान किया कि हमें यूपी ही नहीं पूरा देश बचाना है क्योंकि बीजेपी देश को तोड़ने का काम कर रही है । 2022 के यूपी के विधान सभा चुनाव में  बीजेपी मुक्त करना चाहते है  किसान महापंचायत के मंच पर कई बड़े नेता मैजूद हैं । जो पिछले 10 महीनों से किसान आंदोलन कर रहे हैं और कृषि कानून वापस लेने कि गुहार लगा रहे है ।

मगर ऐसा लग रहा कि जैसे भारत सरकार सो रही हो इस लिए किसानों ने ये संकल्प लिया है कि 2022 में यूपी के साथ साथ भारत में बीजेपी मुक्त सरकार बनानी है इसमें ही किसानों और भारत वासियों का भला होगा ।

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