क्या आप जानते है Ayodhya Ram Mandir आंदोलन का पूरा इतिहास?... सत्य न्यूज़ हिंदी

क्या आप जानते है Ayodhya Ram Mandir आंदोलन का पूरा इतिहास?…

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Ram Madir History: बात उस दौर की है जब एक धड़ा मस्जिद के समर्थन में खड़ा था तो दूसरा धड़ा ayodhya ram mandir के समर्थन में खड़ा था

साल था 1990 , उत्तर प्रदेश सूबे के मुखिया के रुप में कुर्सी पर मुलायम सिंह यादव बैठे थे हिंदू मुस्लिम Hindu Muslim का जहर पूरे भारत में कोरोना की तरह फैल गया था और रोज इक्के दुक्के लोग इसका शिकार होने लगे थे और आज के समाज की स्तिथि देख कर लगता है ये शिलशिला आगे भी जारी रहेगा

अब मुद्दे की बात पर लौटते हैं आप सब 1990 से लगातार कारसेवक शब्द सुन रहे होंगे जो लोग इसका अर्थ जानते हैं अच्छी बात है जो नहीं जानते हम उन्हें बता देते हैं वास्तव में कार सेवक शब्द संस्कृत से लिया गया है। कार का मतलब होता है

कर यानी हाथ, और सेवक का अर्थ होता है, सेवा करने वाला। जो लोग किसी धार्मिक कार्य या संस्था के लिए परोपकार से जुड़ा काम नि:स्वार्थ व नि:शुल्क करते हैं, उन्हें कार सेवक कहा जाता है बाबरी मस्जिद Masjid की कहानी पर नहीं जाऊंगा क्योंकी अमूमन आप सब 30 साल से अखबारों में पढ़ रहे हैं और टीवी में देख रहे हैं

आज इस कहानी में हम बात कर रहे हैं झांसी शहर की क्या आपको पता है 1990 के उथल पुथल में झांसी की भूमिका क्या रही , और उसी दौरान एक कार सेवक जगत प्रकाश अग्रवाल की पुलिस Police की गोली से मौत हो गई l

विस्तार से समझिए पूरी कहानी क्या थी

अयोध्या Ayodhya में भगवान राम मन्दिर Ram Mandir निर्माण को लेकर 2 बार आन्दोलन हुए और दोनों बार झाँसी प्रमुख केन्द्र बनकर उभरा। अयोध्या में विवादित ढाँचा 6 दिसम्बर 1992 को ध्वस्त हुआ, लेकिन इससे पहले 1990 के अक्टूबर माह में विश्व हिन्दू परिषद vishva hindu prishad के आह्वान पर बड़ा आन्दोलन हुआ। अशोक सिंहल ने अयोध्या Ayodhya चलो का नारा दिया।

इसके बाद तो मानों देश भर में राम Ram लहर चल पड़ी। देश के कोने-कोने से कारसेवकों के जत्थे निकल पड़े। दक्षिण की ओर से आने वाले लाखों कार्यकर्ताओं को झाँसी में रोककर अस्थाई जेलों में बन्द कर दिया गया।

इससे नारा़ज कारसेवकों ने तत्काली पूर्व मुख्यमन्त्री स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव Late Mulayam singh yadav को सद्बुद्धि देने के लिए बुद्धि-शुद्धि हवन का आयोजन किया। झाँसी में दुर्ग की तलहटी में 30 अक्टूबर को प्रात: 8 बजे हवन शुरू कर दिया गया। इसमें पुरुष कारसेवकों के साथ काफी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुई। पुलिस police को जानकारी हुई तो फोर्स पहुँच गई और Ram Mandir के हवन को छिन्न-भिन्न कर दिया

Ayodhya Ram Mandir के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर कारसेवकों पर चलायी गोलियां

Ayodhya Ram Mandir के हवन छिन्न-भिन्न करने के विरोध में कारसेवकों की भीड़ खण्डेराव गेट पर पहुँच गयी। भीड़ को रोकने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया तो कारसेवकों ने पथराव कर दिया। आमने-सामने का संघर्ष होते ही पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, जिससे भगदड़ मच गई। 9 से 10 के बीच पुलिस ने गोलियाँ चला दीं।

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यह संघर्ष शहर के अन्य क्षेत्रों में भी फैला। लगभग 2 घण्टे तक रुक-रुककर चली गोलियों में 39 लोग घायल हो गए , जबकि शहर निवासी जगत प्रकाश अग्रवाल को खण्डेराव गेट पर सीने में गोली लगी, जिससे उनकी मौत हो गई।

कारसेवकों ने घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया, जबकि कई घायल घटनास्थल पर ही तड़पते रहे। लगभग दोपहर के 2 बजे पूरे प्रदेश में क‌र्फ्यू लगा दिया गया और 2.30 बजे झाँसी में भारतीय सेना Indian force ने कमान सँभाल ली। सेना ने बेहोश पड़े जख्मी कारसेवकों को आर्मी अस्पताल hospital में भर्ती कराया।

घटना में 32 पुलिस कर्मी भी कारसेवकों द्वारा की गई पत्थरबाजी में घायल हुए थे। उधर, रानी महल के पास ड्यूटि पर तैनात स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी सीताराम आ़जाद के 22 वर्षीय पुत्र लल्लू राम नामदेव की मौत भी हुई। वह होमगार्ड जवान था, जिसकी पत्थर लगने से मौत हुई थी

ये शहर की घटना थी ऐसे ही भारत के कई शहरों में ऐसी घटनाएं हुईं

जगत प्रकाश अग्रवाल की 30 अक्टूबर को खंडेराव गेट पर उनकी प्रतिमा स्थापित की गई है जहां यह घटना हुई थी। शहर की ओर जाने वाली एक सड़क का नाम भी उन्हीं के नाम पर रखा गया है।

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