Modi ने Rahul Gandhi को बता दिया अर्थव्यवस्था Economy का हर एक तराना…
Economy: अमेरिका की संस्था हिंडनवर्क ने जबसे गौतम अडानी के खिलाफ रिपोर्ट जारी की है तब से ही सभी लोग गौतम अडानी का सहारा लेते हुए सीधे नरेंद्र मोदी पर बंदूक तान देते हैं। अब जब सभी तानते है तो उसमें से राहुल गांधी Rahul gandhi कैसे बैकफुट पर आ सकते हैं?
और इसी लिए राहुल गांधी Rahul gandhi को जब बोलने का मौका मिला तो उन्होंने गौतम अडानी का सहारा लेकर बीजेपी पर खूब हमले किए
adani mamle पर pm modi को विपक्ष ने संसद घेरा Rahul ने कहा modi
लेकिन दिन दुगनी रात चौगुनी तरक्की करने वाले राहुल गांधी rahul gandhi यह भूल गए कि देश के लिए अडानी Adani से भी ज्यादा जरूरी कई चीजें है।
देश की अर्थव्यवस्था economy, आम लोगों की आम जरूरतें!
लेकिन खैर राहुल गांधी है उन्होंने सभी को दरकिनार करते हुए एक अपना पूरा फोकस केवल गौतम अडानी Gautam adani पर किया इसलिए हम सबसे पहले आपको वह भाषण दिखाते है जो राहुल गांधी ने दिया, और इसके बाद में आपको यह भी बताएंगे कि जब नरेंद्र मोदी Narendra modi को बोलने का मौका मिला तो उन्होंने क्या-क्या कहा?
उन्होंने कैसे आम व्यक्ति के आर्थिक जीवन को लेते हुए संपूर्ण विश्व की अर्थव्यवस्था economy पर फोकस किया? अब हम राहुल गांधी Rahul gandhi के इस बयान के बाद आपको बताने जा रहे हैं जो नरेंद्र मोदी ने बोला, “दुनिया के तमाम देशों व हमारे पड़ोस में जिस तरह के हालात हैं।
ऐसे समय में कौन हिंदुस्तानी गौरव नहीं करेगा कि उनका देश दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था economy है.” आगे नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब हमारे पड़ोसी देशों सहित कई अन्य देश मुद्रास्फीति, बेरोज़गारी Unemployment और खाद्य सुरक्षा की कमी का सामना कर रहे हैं।
दुनिया में भारत को लेकर बहुत आशा और काफी हद तक उमंग है ‘मुश्किल समय के बीच भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था economy बना।
आज दुनिया की हर विश्वसनीय संस्था, हर विशेषज्ञ, जो भविष्य का अच्छा सेशन रिपोर्ट भी लगा सकते हैं, उन सबको आज भारत को लेकर बहुत आशा और काफी हद तक उमंग है।
इसका कारण है कि भारत में अस्थिरता नहीं है. महामारी के दौर में हमने 150 से ज्यादा देशों को संकट के समय दवाई और वैक्सीन पहुंचाई.’ इसी के साथ नरेंद्र मोदी ने भारत India में जब कोरोना काल था।
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उस पर भी फोकस करते हुए कहा कि”कोरोनाकाल में बहुत से देश अपने नागरिकों की आर्थिक मदद करना चाहते थे, लेकिन असमर्थ थे. यह भारत है यहां फ्रैक्शन ऑफ सेकंड में लाखों-करोड़ों रुपये देशवासियों के खातों में जमा कर रहा था।.”