मिलिंद देवरा ने पकड़ा एकनाथ शिंदे का हाथ, कांग्रेस पर तेवर तेज़, बोले ‘अगर काबिलियत को वैलु मिलती तो
14 जनवरी को जिस समय कांग्रेस के बड़े नेता ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ में भाग लेने के लिए दिल्ली से मणिपुर के लिए जा रहे थे । पार्टी के जाने-माने नेता मिलिंद देवरा Milind Deora ने इसकी मेंबरशिप से त्यागपत्र दे दिया । थोड़े वख्त के बाद देवरा शिवसेना के शिंदे पार्टी में शामिल हो गए ।
शिवसेना ज्वाइन करने के बाद मिलिंद देवरा Milind Deora कहने लगे की, आज सुबह से ही काफी लोगों की कॉल आ रही हैं कि मिलिंद जी आपने परिवार का कांग्रेस से करीब 55 वर्ष पुराना रिलेशन क्यों तोड़ा ।
1968 और आज के कांग्रेस मे अंतर : मिलिंद देवरा
मैं सबसे चुनौति दशक में पार्टी का अविचल बना रहा । मगर दुःख की बात है कि मेरे पिता वर्ष 1968 में जिस कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए उसमें तथा आज के कांग्रेस पार्टी में बहुत ही ज्यादा फर्क आ गया है ।
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उन्होंने बताया, ”अगर कांग्रेस तथा यूबीटी रचनात्मक तथा सकारात्मक सुझावों के साथ मेरिट तथा टैलेंट को अहमियत देते तो आज के दिन एकनाथ जी तथा मैं यहां नहीं होते है ।”
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
मिलिंद देवरा Milind Deora के इस्तीफ़े के घोषणा के बाद कांग्रेस व्याख्याता जयराम रमेश ने मिलिंद के पिता मुरली देवरा से अपने मिलान को याद किया ।
राहुल गाँधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा से बिलकुल पहले उनके त्यागपत्र की टाइमिंग पर याचना उठाते हुए जयराम रमेश ने मोदी पर लक्ष्य साधा है ।
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खबर एजेंसी पीटीआई के हिसाब से जयराम रमेश ने इलज़ाम लगाया है कि देवरा के पार्टी त्यागने का वख्त pm मोदी ने निशचय किया है ।
इससे पूर्व जयराम रमेश ने पीटीआई से बताया था कि फ्राइडे को देवरा ने उनको फ़ोन से कहा था कि वे राहुल गांधी से कुछ बात करना भी चाहते हैं ।