Mayawati इंडिया के बगैर इलेक्शन लड़कर क्या भाजपा की मदद कर रही हैं? सत्य न्यूज़ हिंदी

Mayawati इंडिया के बगैर इलेक्शन लड़कर क्या भाजपा की मदद कर रही हैं?

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मायावती Mayawati ने होने वाले लोकसभा इलेक्शन में इंडिया के बगैर लड़ने का अपना पुराना स्टैंड फिर याद दिलाया है फिलहाल मायावती ने चुनाव बाद गठबंधन से मना नहीं किया है मगर इस बार मायावती पार्टी लोकसभा का इलेक्शन अकेले लड़ेगी

बीते वर्ष सितंबर में इंडिया गठबंधन की हैट्रिक बैठक से कुछ दिनों पहले भी मायावती ने कहा था कि मेरी पार्टी बीएसपी फिलहाल अकेले चुनाव लड़ेगी

मायावती का मानना है कि गठबंधन में इलेक्शन लड़ने से बीएसपी को अच्छा खासा नुकसान होता है. बहुत सी पार्टियां बीएसपी के साथ गठबंधन करना चाहती हैं मगर वो इस बार लोकसभा का इलेक्शन अकेले लड़ेगी

मायावती का ये फैसला क्या इंडिया गठबंधन के लिए ज़बरदस्त झटका है?

ये ताज्जुब की बात नहीं है कि मायावती की पार्टी फस्ट टाइम अकेले इलेक्शन लड़ने का घोषणा कर रही है केवल 2019 के लोकसभा इलेक्शन को अगर छोड़ दें तो हर बार बीएसपी अकेले इलेक्शन लड़ी है



मगर इलेक्शन के बाद गठबंधन के जरिये up में चार बार अपनी बहुमत से सरकार बनाने में सफल रही है

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मायावती Mayawati का साथ न आने से इंडिया को ही फायदा पहुंचाएगा

क्या बीएसपी भाजपा की हेल्प कर रही हैं?

राजनीतिक बाजार में ये माना जा रहा है मायावती Mayawati अकेले इलेक्शन लड़कर भाजपा की हेल्प कर रही है

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इस वजह से एंटी भाजपा वोट दो हिस्सों में बंट जाएगा 2019 इलेक्शन में समाजवादी पार्टी तथा बीएसपी ने मिलकर लोकसभा की 15 सीटें जीती थीं मगर इस बार अलग-अलग इलेक्शन लड़ने से दोनों को नुकसान होगा

क्या भाजपा मायावती Mayawati को डरा रही है?

राजनीतिक बाज़ार में इस बात की काफी चर्चा है आय से ज़ादा संपत्ति की बात को लेकर मोदी सरकार ने मायावती Mayawati पर तेज़ शिकंजा कस रखा है. शायद इस वजह से उनका भाजपा का साथ देना बड़ी मजबूरी बन गई है

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