गुजरात पुल हादसा: गुजरात पुल हादसे की सामने आई बड़ी वजह?

गुजरात पुल हादसा: गुजरात पुल हादसे की सामने आई बड़ी वजह?

गुजरात पुल हादसा
 

गुजरात पुल हादसा: गुजरात पीएम मोदी का घर माना जाता है। जहां गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर अब गुजरात की बीजेपी सरकार रात दिन एक कर विकास कार्य को जनता तक पहुंचाने का प्रयास कर रही है।

बीजेपी सरकार को विकास दिखाने की इतनी जल्दी थी। की अपना ही बनाया हुआ पुल बिना किसी जांच पढ़ताल के जनता के लिए खोल दिया।

नतीजा कुछ यूं निकला की एक सप्ताह के बाद ही गुजरात सरकार द्वारा बनाया गया पुल रविवार देर शाम नदी में विलीन हो गया। जिसमे लगभग 90 लोगों की मौत हो गई।

मौत का आंकड़ा बढ़ भी सकता है। क्योंकि नदी में गिरने वाले लोगों की संख्या का पता लगाया जा रहा है।

जब गुजरात पुल हादसा तो इस पुल पर लगभग 500 से अधिक लोग चल रहे थे। जिसमे 400 के क़रीब लोगों के नदी में गिरने की संभावना है।

मौके पर कुछ लोगों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया है। लेकिन डॉक्टर्स का कहना है की अभी उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। पीएम मोदी ने तत्काल सुरक्षा अभियान चलाने के आदेश जारी किए हैं।

गुजरात पुल हादसा को लेकर पीएम मोदी पर विपक्ष हमलावर

गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले पुल का गिर जाना गुजरात सरकार के लिए एक बढ़ी चिंता का विषय बन सकता है।

क्योंकि गुजरात पुल हादसा में लगभग 90 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। जिसके बाद अब गुजरात चुनाव से पहले विपक्ष का बीजेपी पर हमला हो गया है।

आप नेता सांसद संजय सिंह ने कहा की पहले जहरीली शराब और अब भ्रष्टाचारी पुल में हादसा जिसमे 400 लोगों की जान जाने की संभावना है।

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वहीं कांग्रेस पार्टी के नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा की पुल केवल साल भर में ही गिर गया। ये पुल डबल इंजन की सरकार में बना हुआ है। केजरीवाल का कहना है की ये है पीएम मोदी का गुजरात मॉडल।

बड़ी वजह कर्मचारी की लापरवाही

एक न्यूज चैनल पोर्टल के माध्यम से पता चला है की एक परिवार इस पुल पर घूमने जा रहा था। रविवार के दिन के समय जब वे इस पुल पर पहुंचे तो उन्होंने देखा की पुल पर काफी भीड़ जमा थी।

और पुल की हालत कुछ सही नहीं लग रही थी। परिवार के एक सदस्य ने बताया कि जब वे पुल पर घूमने पहुंचे तो देखने लगे की पुल पर काफी भीड़ जमा थी और पुल भी हिल रहा था।

खतरा महसूस कर परिवार वही से लौट आए और पुल कर्मचारी को पूरा हाल बताया की पुल की हालत ठीक नही है लेकिन कर्मचारी ने उनको नकार दिया।

वहीं शाम के समय जब पुल पर 500 से अधिक लोग पुल पर सवार थे। तब ये पुल जो नदी के ऊपर बना था नदी में ही विलीन हो गया है।

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