राम लला Ram Lala का पाकिस्तान में भी चर्चा... सत्य न्यूज़ हिंदी

राम लला Ram Lala का पाकिस्तान में भी चर्चा…

Ram lala
 

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पाक मे छपने वाले न्यूज़ पेपर डॉन में पाक के जाने-माने राइटर परवेज़ हुदभोय ने “राम लला Ram Lala मंदिर अनहोन” शीर्षक से लिखा है ।

परवेज़ ने न्यूज़ पेपर मे लिखा है कि 22 जनवरी के अयोध्या तथा हिंदुस्तान के पीएम की भूमिका धार्मिक आधार के उद्देश्य से थी, मगर इसका कुछ ख़ास पुजारियों ने विरोध भी किया है ।

पाक के परवेज़ ने लिखा है, “नरेंद्र मोदी दुबारा संकेत देना चाहते हैं कि उनकी सरकार में एक नए हिंदुस्तान का प्रारम्भ हुआ है, ऐसा हिंदुस्तान जो वर्ष 1947 में जन्मे हिंदुस्तान से बिलकुल अलग है”

हुदभोय ने अपनी न्यूज़ मे लिखा की हिंदुत्व का पैगाम दो लोगों के लिए है पहला हिंदुस्तानी मुस्लिमों के लिए है कि नया हिंदुस्तान हिंदुओं के लिए है, मुस्लिमों के लिए नहीं



ठीक उसी तरह, जिस तरह पाकिस्तान वहाँ के हिंदुओं को सेकंड दर्जे का नागरिक समझता है तथा उनको कम हक़ देता है, उसी तरह ही हिंदुस्तान के मुस्लिमों को ये बिलकुल नहीं भूलना चाहिए

कि वो उन हमलावर के बच्चे हैं, जिन्होंने हिंदुस्तान की प्राचीन ज़मीन को नापाक किया तथा भारत को लूटा

हुदभोय ने लिखा है

हुदभोय ने लिखा है, “बीते वर्ष मार्च में ‘जय श्री राम’ का नारा लगा रही एक भीड़ ने लगभग सौ वर्ष पुराने एक मदरसे को ख़ाक कर दिया, उसमें एक लाइब्रेरी भी थी । इस लाइब्रेरी में पुराणी पांडुलिपियां रखी हुई थीं ।

“ये आग 12वीं सदी में मुस्लिम आक्रमणकारी बख्तियार खिलजी के नालंदा युनिवर्सिटी को ख़ाक करने का बदला था

साथ ही अखबार लिखता है अयोध्या कार्यक्रम के माध्यम से दूसरा संदेश दिया जा रहा है उनका मानना है कि विपक्ष अपना मैसेज बदले तथा धर्मनिरपेक्ष से धार्मिक करे तथा हमारी बिछाई पियादे पर खेले या तो उनको हिंदू विरोधी की तरह देखा जाएगा

अप्रैल वर्ष 2024 में होने वाले आम चुनावों में अगर मोदी तीसरी बार सरकार मे आने की कोशिश करेंगे, विपक्ष पूरी तरह हार जाएगा

“अयोध्या 22 जनवरी को मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में कांग्रेस को ज़ादा परेशानी में डाल दिया है कुछ समय पहले विपक्ष के बड़े लीडर ने इसे ‘सियासी कार्यक्रम’ बोलते हुए इसकी निंदा की तथा इसमें शामिल होने से साफ़ मना कर दिया

मगर पार्टी के छोटे छोटे जो नेता है वो राम मंदिर गए, वे सब ने सरयू नदी में स्नान भी किया ‘राम राज्य’ की कसम ली, जबकि उनका ‘राम राज्य’, भाजपा के ‘राम राज्य’ से बिलकुल अलग है”

हुदाभोय ने लिखा हैं जो भी पाक Pak के इतिहास को जानते हैं, उन्होंने धर्म तथा राजनीति का मिश्रण चकित नहीं करेगा- चाहे वो हिंदू की नज़र से हो या मुस्लिम की नज़र से वर्ष 1937 के इलेक्शन में ज़बरदस्त हार के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम लीग ने धर्म को ही हथियार बना लिया उसे राजनीति में ढाला बाद में वर्ष 980 के दशक में ज़िया उल-हक़ ने देश को ज़बरदस्त डबल डोज़ दिया

Ram Lala मंदिर पर प्रधानमंत्री मोदी PM Modi ने क्या कहा था?

22 से पहले जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के रोज़ नरेंद्र मोदी ने कहा, “आज के दिन सदियों के उस सब्र का धरोहर मिला है अब जाकर हमें श्री राम का मंदिर मिला है

नरेंद्र मोदी ने भाषण में राम लला Ram Lala मंदिर पर न्यायालय के निर्णय का भी ज़िक्र किया तथा कहा “संविधान के अस्तित्व में आ जाने के बाद भी कई सदी तक राम के राम राज को लेकर क़ानूनी लड़ाई चली हिंदुस्तान के न्यायालय ने न्याय की इज़्ज़त रख ली

फैज़ाबाद अयोध्या में मंदिर के निर्माण को लेकर काफी समय तक मुकदमा चला वर्ष 2019 में कोर्ट ने एक निर्णय में कहा कि झगड़ेलू ज़मीन को एक ट्रस्ट को दे दिया जाए, जो की उस जगह पर एक राम मंदिर का निर्माण कराए

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इसके साथ ही कोर्ट के आदेश पर उत्तर प्रदेश सेंट्रल सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को पाँच एकड़ की ज़मीन आवंटित की गई अयोध्या से क़रीब 22 किलोमीटर दूर इस ज़मीन पर मस्जिद बनना है

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