यूपी निकाय आरक्षण को लेकर योगी सरकार का आरक्षण विरोधी चेहरा फिर सामने…
यूपी में निकाय चुनाव को लेकर Up nikay reservation का मामला दिन प्रतिदिन एक नया मामला सामने ला रहा है। हाल ही में इलाहाबाद में योगी आदित्यनाथ सरकार को कहा था की वह जल्द निकाय चुनाव को संपन्न करे।
लेकिन इस फ़ैसले ने योगी आदित्यनाथ सरकार को एक बार फिर ओबीसी आरक्षण को दर्शाया है। लेकिन योगी सरकार ओबीसी आरक्षण का मामला लेकर एक बार सर्वोच्च न्यायालय की ओर जाने की फिराक में है। वहीं उनके उप मुख्यमंत्री व उनके कैबिनेट मंत्री भी Up nikay reservation की बात कर रहे हैं।
और बिना आरक्षण के चुनाव न करने की बात कह रहे हैं। इस मामले को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार के भीतर की राजनीति जनता के सामने आ गई है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्री भी निकाय चुनाव को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं।
Up nikay reservation के चलते आरक्षण विरोधी लग रही है सीएम योगी की राजनीति
हाई कोर्ट ने निकाय चुनाव को लेकर किसी भी प्रकार की कोई रोक नहीं लगाई और कहा था की UP nikay reservation के आधार पर ही होने चाहिए इसी के उपरान्त कोर्ट ने कहा की राज्य सरकार ने कोर्ट के द्वारा बनाई गई गाइड लाइन का पालन नहीं किया है।
और बिना ओबीसी आरक्षण को लेकर निकाय चुनाव कराना सही नही होगा। इस स्थिति में कोर्ट ने सभी नगर की आरक्षित सीटों को सामान्य सीट घोषित करते हुए 31 जनवरी को चुनाव संपन्न कराने के आदेश जारी किए थे।
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यदि भविष्य में ऐसा हुआ तो पिछड़ी जातियों के अधिकार जल्द ही खत्म हो सकते है। ऐसा हुआ तो ये देश के पिछड़े वर्गों और लोकतंत्र का अपमान होगा। आज भले ही बीजेपी ओबीसी आरक्षण खत्म कर रही हो लेकिन इन्हीं पिछड़ों ने बीजेपी को यूपी की सत्ता पुनः दिलाने का काम किया।
क्या ओबीसी आरक्षण के लिए साफ नही सीएम योगी की नियत
ओबीसी आरक्षण एक राजनितिक मुद्दा बन गया है। जिसे बाद अब Up politics में एक नई हलचल हो रही है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर विपक्ष का आरोप है। ओबीसी आरक्षण के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ की नियत सही नहीं वह चाहते हैं। की ओबीसी आरक्षण खत्म हो
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यदि सीएम योगी चाहते तो मध्य प्रदेश, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में से प्रेरणा प्राप्त कर पिछड़े वर्गों के लिए पहले से ही एक अयोग का गठन कर देते। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने लगभग 12 वर्ष पहले ही ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूला तैयार कर देश के सभी राज्यों को आदेश दिया की इसी फॉर्मूले के अंतर्गत ही चुनाव किए जायेंगे।
लेकिन सीएम योगी ने कोर्ट की गाइडलाइन नही मानी और कोर्ट के पुनः आदेश के बाद अब Up nikay reservation के लिए सीएम योगी आयोग गठित करने वाले हैं। जबकि ये काम पहले भी किया जा सकता था।