सूबे में रिश्वतखोरी जैसी घटनाएं दिन प्रतिदिन बड़ती जा रही हैं
सूबे में बैठी योगी सरकार कितनी भी नकेल कस ले लेकिन रिश्वत लेने वाले अफसर हमेशा ठेंगा दिखा कर निकल जाते हैं ऐसा नहीं है की सरकार को पता नहीं होता है इनको हर बात की जानकारी होती है एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान खुद योगी ने अपने विधायकों से कहा था की तुम लोग अपराध जैसी गतिविधियों से दूर रहे अफसरों को हम सुधार लेंगे
आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं की उन्हें कितनी जानकारी है अपने विधायकों और अफसरों की , फिर भी सूबे में रिश्वत जैसी घटनाएं दिन प्रतिदिन बड़ती जा रही हैं यदि कोई अफसर पकड़ा भी जाता है तो कुछ दिनों को सस्पेंड इसके बाद दुबारा वो अफसर अपने कार्य पर लौट आता है आज की बात करें तो हमीरपुर से एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां दरोगा को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया है
50 हजार रुपए का है आरोप
हमीरपुर में एंटी करप्शन टीम ने एक दरोगा को रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया। उस पर एक मामले में 50 हजार रुपए लेने का आरोप है। आरोपी दरोगा को एंटी करप्शन टीम सदर कोतवाली लेकर पहुंची। रिश्वतखोरी दरोगा की गिरफ्तारी से विभाग में खलबली मच गई।
मामला हमीरपुर ज़िले के जलालपुर का है। यहां पर पुलिस ने बीती 3 जून को एक गुटखा फैक्ट्री पकड़ी थी। इसमें बरेरा गांव का छेदालाल आरोपी था। उसके भाई रत्नेश ने बताया कि भाई को गलत तरीके से फंसाया गया है। उसने दरोगा हरिश्चंद्र से बात की थी। इस दरोगा हरिश्चंद्र ने 50 हजार रुपए की मांग की थी, ताकि जांच में धाराएं कम की जा सकें।
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रत्नेश ने बताया कि वह दरोगा को 8 हज़ार रूपये पहले ही दे चुका था। आज भी उसने 10 हज़ार की रिश्वत दी। तभी सादी वर्दी में तैनात एंटी करप्शन टीम ने उसे दबोच लिया। जलालपुर थाने में तैनात दरोगा हरिश्चंद्र को फिलहाल एंटी करप्शन की टीम अपने साथ सदर कोतवाली ले आई। इसके बाद आरोपी दरोगा को लखनऊ ले जाया जाएगा। वहां पर उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा।
अब देखना ये होगा की योगी सरकार कितनी सख्ती से निपटती है