रातों रात ये लड़की करोड़ों फोन में पहुंच गई , क्या सच में अब कलेक्टर बनेगी -

रातों रात ये लड़की करोड़ों फोन में पहुंच गई , क्या सच में अब कलेक्टर बनेगी

रातों रात ये लड़की करोड़ों फोन में पहुंच गई , क्या सच में अब कलेक्टर बनेगी
 

जबुआ की एक लड़की रातों रात करोड़ों लोगों के फोन में पहुंच गईं है लड़की क्या कर रही थी , किस समस्या के लिए विरोध कर रही थी वह लडकी कौन है क्या सच में वह लड़की दो दिन की कलेक्टर बनेगी , सारी बातें क्रम बार तरीके से आपको हम बताते हैं सूत्रों की माने की माने तो लड़की का नाम निर्मला है निर्मला शासकीय गर्ल्स कॉलेज में BA फर्स्ट ईयर की छात्रा है।

उसका कहना है कि सिस्टम के प्रति शुरू से ही गुस्सा है। अपने अधिकारों के लिए खुद को लड़ना होगा। इधर, मामला बढ़ने के बाद निर्मला को कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने शुक्रवार को मिलने बुलाया है। कलेक्टर का कहना है कि मैं उनसे नहीं मिल पाया। उनकी मांगों की जानकारी मुझे है, जिसे जल्द हल किया जाएगा।

मीडिया ने सुनी निर्मला की आवाज़

निर्मला ने मीडिया से बात करते हुए कहा, सच्चाई की‎ आवाज दूर तक जा रही है। मैं‎ जिंदा हूं, तब तक बोलती रहूंगी,‎ चुप नहीं बैठूंगी। राजनीति भी‎ करूंगी, चाहे मुझे कोई इनाम मिले‎ या न मिले। मेरे कमरे से कॉलेज‎ 3 किमी दूर है। रोज पैदल जाती‎ हूं। मुझे पैदल चलने में दिक्कत‎ नहीं है, लेकिन मैंने दूसरों के लिए‎ आवाज उठाई थी।‎

मैं हाथ जोड़कर भाई-बहनों से कहना चाहती हूं कि अपनी आवाज उठाएं, लड़ना सीखें, अधिकारों के लिए संघर्ष करें। वे समस्या दूर नहीं कर सकते तो हमें कलेक्टर बना दीजिए। यदि वे समस्या दूर नहीं कर सकते तो हमें कलेक्टर बना दीजिए।

निर्मला कहां की है:

निर्मला आलीराजपुर जिले के खंडाला‎ खुशाल गांव की रहने वाली है। फिलहाल, वो झाबुआ के गर्ल्स कॉलेज में पढ़ रही है। पिता किसान हैं। वह कहती है कि मेरे‎ पास मोबाइल नहीं है। 7 भाई-बहन हैं। आर्मी पंसद है, इसलिए वो आर्मी में जाकर देशसेवा करना चाहती है। इसी‎ साल उसने B.A फर्स्ट इयर में प्रवेश लिया।‎ कलेक्टर का रवैया‎ देखकर उसे गुस्सा आ गया।

उसने बताया कि उसे न तो‎ आवास राशि मिल रही है न‎ छात्रवृत्ति और न ही दूसरी सुविधाएं।‎ कलेक्टर ने आकर हमसे बात‎ तक नहीं की। अलग-अलग समस्याओं को लेकर पीजी कॉलेज के छात्र- छात्राएं एनएसयूआई की अगुवाई में सोमवार को कलेक्टर सोमेश मिश्रा को ज्ञापन देने पहुंचे थे।

कलेक्टर ज्ञापन लेने नहीं आए तो स्टूडेंट्स का सब्र टूट गया। उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। छात्राएं भी नारेबाजी करने लगी। निर्मला कह रही थीं कि हम दूर-दूर से अपनी समस्याएं लेकर आए हैं। कलेक्टर के पास मिलने तक का समय नहीं है।

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क्या है कलेक्टर बनने का सच :

सोशल मीडिया पर एक और वीडियो सामने आया है। इसमें दावा किया जा रहा है कि निर्मला को झाबुआ का 2 दिन के लिए कलेक्टर बनाया गया है। मामले में सोमेश मिश्रा ने बताया कि फिलहाल उन्हें ऐसी जानकारी नहीं है। कलेक्टर का कहना है कि वो शुक्रवार को निर्मला से मिलेंगे।

मामले में झाबुआ कलेक्टर सोमेश मिश्रा का कहना है कि वो छात्राओं की मांगों को जल्द पूरा करेंगे। छात्राओं की शिकायत थी कि बस में कुछ लोग गाली-गलौज भी करते हैं, जिस पर भी कार्रवाई करेंगे। जिले में छात्राओं के लिए फ्री यूपीएससी की कोचिंग जल्द शुरू की जाएगी, जिसमें 100 सीट हैं।

लड़कियां अपने स्वाभिमान के लिए खुद लड़ रही है

हर जगह लड़की की तारीफ और बाह वाही की जा रही है , जो जज्बा आज की लड़कियों में निखर कर आ रहा है वो वाकई काबिले तारीफ है आधुनिक युग लड़कियों के लिए स्वर्ण काल साबित हो रहा है , अब लड़कियां अपने स्वाभिमान के लिए खुद लड़ रही है अपने हकों को सरकार से या समाज से लड़ कर छीन रही है

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