अन्नदाता आंदोलनकारियों पर ड्रोन का प्रयोग कितना सही ?
पंजाब के हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर अन्नदाता पर आंसू गैस का गोले गिराता हुए ड्रोन
कुछ दिन पहले ही में हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर ही ‘दिल्ली चलो’ मार्च में प्रस्तुति कर रहे कुछ किसान आंदोलनकारियों के ऊपर हरियाणा सरकार की पुलिस ने ड्रोन की हेल्प से आंसू गैस के गोले दागे । यह फोटो हर जगह शेयर हो चुकी हैं ।
मीडिया का दावा है कि हिंदुस्तान में हरियाणा सरकार की पुलिस पहली पुलिस फ़ोर्स है जिन्हो ने ड्रोन से आंसू गैस के गोले छोड़ने का काम किया हैं ।
पंजाब की हरियाणा पुलिस के डीजीपी शत्रुजीत कपूर के बताने के हिसाब से ये पहले कभी भी नहीं हुवा है कि पंजाब पुलिस ने कभी भी ड्रोन से आंसू गैस के गोले छोड़े हैं ।
अन्नदाता क्यों कर रहे हैं आंदोलन
प्रदर्शन कर रहे अन्नदाता न्यूनतम सपोर्ट मूल्य यानी MSP के लिए नियम कानून बनाने तथा स्वामीनाथन आयोग की सारी सिफ़ारिशों को लागू करने की फरमाइश कर रहे हैं, जो कि सरकार का मानना है कि वो जल्दी में कोई निर्णय नहीं लेना चाहती ।
जिस वख्त ड्रोन से गोले गिरा रहे थे संवाददाता अभिनव गोयल ने कहा कि, “तेज़ी से पंजाब हरियाणा की ओर से ड्रोन आता था तथा आंसू गैस के गोले छोड़ कर वापस चला जाता था । गोला गिरते ही अन्नदाता पीछे हो जाते थे मगर फौरन फिर से आगे आ जाते थे” ।
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अभिनव के हिसाब से आंसू गैस के गोले से निकले धुएं को दबाने के लिए वहीँ पर किसान गीली बोरियां या तो फिर तसले उस पर रख देते ।
अन्नदाता ड्रोन को ज़मीन पर गिराने के लिए पतंगों तथा कॉस्को की गेंदों का भी प्रयोग कर रहे थे । भिड़ंत की इस दशा में अन्नदाता तथा पुलिसकर्मी दोनों ही लहूलुहान हुए हैं ।
ड्रोन के प्रयोग पर कहा सुनी ।
जहां कुछ इलाकों पर आंसू गैस के गोले छोड़ने के लिए ड्रोन के प्रयोग की समालोचना हो रहा है ड्रोन इंडस्ट्री के अंदर भी इसे धयान से देखा जा रहा है ।
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250 सौ से अधिक ड्रोन कंपनियों तथा इंडस्ट्री से जुड़े लगभग ढाई हज़ार लोगों का प्रतिनियुक्त करने वाली ड्रोन फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडिया के मुख्य स्मित शाह का कहना हैं, “यह फस्ट टाइम है कि ड्रोन के सही प्रयोग पर बहस स्टार्ट हुई है ।
हमको नहीं लगता कि ये कोई बहुत बड़ी चिंता है मगर इससे लोग अवगत हुए हैं कि इस अध्ययन पर इस न्यू इंडस्ट्री को सोचना समझना चाहिए ।