नए संसद भवन के लिए 19 रानीतिक दलों के बहिष्कार की बड़ी वजह क्या ?
भारत की कमान इस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों मे है। इसी के चलते पीएम मोदी ने अब तक बहुत से इतिहास बनाए है। हाल ही मे इन दिनों भारत मे पीएम मोदी के आदेशानुसार बनाए गए नए संसद भवन New Parliament Building की चर्चा काफी तेज हो रही है।
नए संसद भवन के बनने से पहले ही भारत के कुछ राजनीतिक दल इसका विरोध कर रहे थे। विरोधी दल का मानना है की नए संसद भवन का निर्माण सही नहीं है।
और इसका पूर्ण बहिष्कार किया जाएगा। आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें, की भारत के लगभग 19 राजनीतिक दल है।
जो पीएम मोदी के कार्यकाल मे बने New Parliament Building का विरोध कर रहे है। जिनमे मुख्य कॉंग्रेस, सपा, टीएमसी, सीपीएम, सीपीआई, शिवसेना यूबीटी, आरजेडी, डीएमके आदि दल शामिल हैं।
नए संसद भवन New Parliament Building पर विरोध क्यों
भारत का नया संसद भवन सेंट्रल विस्टा का एक हिस्सा है। आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें, की भारत के पीएम मोदी ने 10 सितम्बर 2020 को New Parliament Building का शिलान्यास किया था। उस समय देश कोरोना वायरस जैसी गंभीर समस्या से जूझ रहा था।
- Modi 3.0: क्या नरेंद्र मोदी गठबंधन वाली सरकार चला पाएंगे?
- बिहार की सियासत आखिर दिल्ली में क्यों हैं?
- Anupama: किंजल के दरवाज़े पर पहुंचेगी अनुपमा, तोषू को नशे में देगी भाषण, यशदीप से बात चीत करेगा अनुज
लेकिन पीएम मोदी ने नए संसद भवन New Parliament Building का निर्माण कार्य जारी रखा जबकि विपक्ष के नेताओं ने इसका विरोध कर कहा की देश इस समय कोविड से जूझ रहा है।
ऐसे मे नए संसद भवन के निर्माण मे करोड़ों रुपये खर्च करना सही नहीं है। आपको बता दें, की नए संसद भवन के निर्माण मे लगभग 1200 करोड़ रुपए का खर्च आया है।
विपक्ष के बहिष्कार की वजह क्या
भारत मे बन रहे सर्वश्रेष्ट नए संसद भवन New Parliament Building को लेकर वपक्ष ने एक जुट होकर इसका पूर्ण बहिष्कार किया है। लेकिन इनके बहिष्कार का कारण क्या है।
ये भी पढ़ें:- क्या cm yogi adityanath को अब नरेंद्र मोदी की जरूरत नहीं ?
आपको बता दें, की भारत मे बने नए संसद भवन का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। 28 मई को भारत के पीएम मोदी इसका उद्घाटन करेंगे।
बहिष्कार के कई कारण है जिसमे से ये सबसे बड़ा कारण है की भारत की महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित नहीं किया। विपक्ष का कहना है की नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति को ही करना चाहिए। सभी राजनीतिक दल इसका बहिष्कार कर रहे है।