प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान बिलों पर जो कहा उसे लेकर देश फिर दो भागों में...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान बिलों पर जो कहा उसे लेकर देश फिर दो भागों में…

प्रधानमन्त्री ने किसान बिलों पर जो कहा उसे लेकर देश फिर दो भागों में बट गया
 

प्रधानमन्त्री ने किसान बिलों पर जो कहा उसे लेकर देश फिर दो भागों में बट गया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते शुक्रवार राष्ट्र को संबोधित करते हुए 3 नए विवादित कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था l पीएम मोदी ने कहा था कि हम किसानों को समझा नहीं पाए। हमारी नीयत साफ थी, पवित्र थी लेकिन हम शायद समझा नहीं पाए, हमारी तपस्या में कमी रह गई। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने कृषि और किसानों की भलाई के लिए तमाम बड़े फैसले किए। ये बात तो थी शुक्रवार की लेकिन आज क्या ख़बर है क्या किसान आंदोलन बंद कर देंगे? क्या सरकार किसानों की सारी शर्तें मान लेगी ? क्या मोदी जी के निर्णय से सब लोग संतुष्ट हैं ?

सभी प्रश्नों के जवाब !राकेश टिकैत ने क्या कहा :

             मोदी के संबोधन के बाद ही भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकेट का बयान आ या ,उन्होंने कहा है कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि प्रधानमंत्री कानून को वापस ले लेंगे,

मिशन यूपी चलता रहेगा, 22 नवंबर को लखनऊ में पंचायत होगी!

टिकैत ने कहा कि हमारे खिलाफ कार्टून बनाए गए, मवाली कहा गया ये सारी चीजें पंचायत में रखेंगे,किसानों से सरकार बातचीत करे, उसी से समाधान निकलेगा l उन्होंने साफ करते हुए कहा कि हमारा धरना किसी राजनीतिक पार्टी के कहने से न चलेगा, न खत्म होगा , एमएसपी ( MSP)की गारंटी भी एक मुद्दा है संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग में फैसला होगा कि क्या करना है? बता दें कि आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर राकेश टिकैत ने मिशन यूपी का जिक्र किया था l उन्होंने कहा था कि कोई भी सरकार अगर गलत काम करेगी तो उसके खिलाफ आंदोलन चलेगा, हम जनता को अपने मुद्दे बताएंगे , हम जनता के बीच में जाएंगे और बातचीत करेंगे l

                राकेश टिकेट के बयानों से लग रहा है की किसान आंदोलन इतने जल्दी रुकने वाला नहीं है क्योंकि किसान नेता राकेश टिकेट ने किसानों से जुड़ी और कई मांगे सामने रख दी अब देखना ये होगा कि कितनी मांगे पूरी हो रही है , वही दूसरी ओर देखें तो सिंघु बॉर्डर , गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे आंदोलनकारी किसान आपस में मिठाईयां बाट रहें , कहीं कहीं डोल नगाड़ों से बधाईयां दी जा रही हैं

क्या रही लोगों की प्रतिक्रियां:

मोदी के संबोधन के बाद कई बड़े नेताओं के बयान आए कई नेताओं ने निर्णय का समर्थन किया , कई लोगों ने निर्णय को गलत बताया l अब सरकार के इस फैसले पर लोग दो भागों में बंट गए हैंl कई लोगों ने पीएम मोदी के फैसले का समर्थन किया है तो कई कह रहे हैं कि जब वापस ही लेने थे तो इतने दिन तक क्यों नहीं किए?

प्रियंका गांधी ने क्या कहा :

प्रियंका ने कहा, ‘पीएम मोदी को लखनऊ में डीजीपी और आईजी कॉन्फ्रेंस अटेंड नहीं करनी थी मैंने इस विषय में उन्हें पत्र भी लिखा था अगर देश के किसानों के प्रति आपकी नियत साफ है तो आज आप अपने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के साथ मंच पर विराजमान मत होईए। देशभर में किसानों पर दर्ज मुकदमें वापस लिजिए और जिन किसानों की मृत्यु हुई हैं उनके परिवारजनों को आर्थिक अनुदान दीजिए।

अखिलेश यादव ने घेर लिया बीजेपी को :

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार की ओर से कृषि कानूनों की वापसी को किसानों की जीत बताया. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से माफी मांगे जाने को लेकर भी तंज किया और कहा कि जनता माफ नहीं करेगी

जनता चुनाव में साफ करेगी अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार के इस फैसले को चुनाव को देखते हुए लिया गया फैसला बताया और कहा कि जिस तरह से जनता सड़कों पर आ गई, हो सकता है उसकी वजह से घबराकर सरकार को ये फैसला वापस लेना पड़ा हो. उन्होंने ये सवाल भी उठाया कि चुनाव के बाद भविष्य में इस तरह के कानून नहीं लाए जाएंगे, इसका आश्वासन कौन देगा

किसान नेता गुरुपाल सिंह ने क्या कुछ कहा :

संयुक्त किसान मोर्चा के गुरुपाल सिंह ने कहा कि कृषि कानूनों की वापसी के फैसले से दिल में बहुत खुशी है। कुछ लोग हमें उग्रवादी कह रहे थे। अगर ये कृषि कानून काला नहीं था, तो प्रधानमंत्री ने वापस क्यों लिया? हम पर आरोप लग रहे थे कि फंडिंग विदेशों से हो रही थी। प्रधानमंत्री के इस फैसले से ये सब आरोप झूठे साबित हो गए। गुरुपाल सिंह ने आगे कहा कि अभी आंदोलन खत्म नहीं होगा। वह प्रधानमंत्री के ऐलान पर विश्वास नहीं कर सकते। हमारी मांग एमएसपी गारंटी की है। जब तक सरकार गारंटी नहीं देती है तब तक ये आंदोलन चलेगा।

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                   अभिनव पांडेय नाम के एक यूजर ने लिखा, पंजाब के किसानों से मिलने और उनका जूनून देखने के बाद 14 जनवरी 2021 को राहुल गांधी ने कहा था, “मेरे शब्दों को नोट कर लीजिए,सरकार ये कृषि कानून वापस लेने के लिए मजबूर हो जाएगी। मेरी इस बात को याद रखिएगा।” आज वो बात याद आ गई,क्योंकि बात सच निकली। वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा कि ‘कृषि आंदोलन में शहीद हुए 700 से ज्यादा किसानों को नमन, आपकी कुर्बानी व्यर्थ नहीं गई, मोदी को आखिरकार झुकना ही पड़ा, किसान एकता जिंदाबाद! इंकलाब जिंदाबाद।

कृषि बिल के मामले को लेकर बॉलीवुड भी दो खेमों में बंट गया है….सोनू सूद ने क्या कहा :

फिल्म अभिनेता सोनू सूद ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा, किसान वापिस अपने खेतों में आयेंगे। देश के खेत फिर से लहराएंगे। धन्यवाद नरेंद्र मोदी जी। इस ऐतिहासिक फैसले से किसानों का प्रकाश पूरब और भी ऐतिहासिक हो गया। जय जवान जय किसान।

तापसी पन्नू ने नए अंदाज में क्या लिखा :

फिल्म अभिनेत्री तापसी पन्नू ने इस खबर को ट्विटर पर एक न्यूज चैनल के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए गुरुपर्व की बधाइयां दी हैं।

कंगना ने मोदी के निर्णय पर नाराजगी जताई:

कंगना रनौत ने पीएम मोदी के फैसले पर राय रखते हुए फैसले को दुखी, शर्मनाक और निश्चित तौर पर अनफेयर बताया हैl कंगना ने इंस्टा स्टोरी में लिखा, ‘अगर संसद में बैठे लोगों की बजाय सड़क पर बैठे लोग कानून बनाएंगे तो जल्द ही ये देश एक जिहादी देश बन जाएगा l

कई लोगों ने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भद्दे भद्दे शब्दों से नवाजा :

एक यूजर ने ट्विटर पर लिखा कि एक अभिमानी ,अहंकारी ,घमंडी और 700 किसानों की हत्यारी सरकार को आखिर किसानो की अहिंसक आंदोलन के आगे झुकना ही पड़ा लेकिन यह आधी जीत है जबतक एमएसपी की कानूनी गारंटी नहीं मिल जाती, झुकते सभी हैं झुकाने वाला होना चाहिए हमारा किसान जिंदाबाद। 

अब कृषि बिलों पर राजनीति और तेज हो गई है अब देखना ये होगा की सत्ता पक्ष और क्या निर्णय लेते हैं

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