अखिलेश ने क्यों, रामपुर उप चुनाव दोबारा करने की मांग की…

By election 2022: दिल्ली, गुजरात, यूपी उप चुनाव के नतीजे अब भारत की जनता ने देख ही लिए है। की किस पार्टी ने किस राज्य में सरकार बनाई है। चुनाव जीतने के लिए सभी राजनीतिक दलों ने अपनी ओर से भरपूर प्रयास किया था।
इस महासंग्रम में मुख्य लड़ाई बीजेपी और चुनाव आयोग की थी। क्योंकि बीजेपी और चुनाव आयोग ही एहम भूमिका में शमिल थे। बता दें, की जिस प्रकार से रामपुर और मैनपुरी उप चुनाव हुआ है।
और सामाजवादी पार्टी ने जिस प्रकार से चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किए है उससे ऐसा ही प्रतीत हो रहा है लोकतन्त्र का ये चुनाव बीजेपी और सपा के बीच नहीं बल्कि एक मात्र बीजेपी के लिए था।
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जिसमें केवल बीजेपी ही चुनाव लड़ रही थी। बता दें, फिलहाल रामपुर में भाजपा ने By election 2022 जीत लिया है। जिसके बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग पर उप चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए पुनः चुनाव की अपील की है।
By election 2022 में चुनाव आयोग की खुली धांधली
भारत एक लोकतन्त्र देश है। यहां सभी को अपना नेता चुनने का पूरा अधिकार है। ये बात अब सिर्फ संविधान की किताबों में ही लिखी रह गई है। आज जिस प्रकार से देश में लोकतन्त्र को लेकर उसका मजाक बनाया जा रहा है।
उससे देश के सभी नागरिकों का अपमान है। आज देश की जनता से उसका नाम पूछ कर वोट डालने दिया जा रहा है। उससे तो ऐसा प्रतीत हो रहा है की देश में कोई संविधान ही नहीं है।
प्रशासन वोटर की आईडी चेक कर उन्हें वोट डालने दे रहे है। और मुस्लिम समुदाय के लोगों को वोट डालने की अनुमति ही नहीं दे रहे हैं। जिस प्रकार से रामपुर में हुआ वह काफ़ी निंदनीय है।
पुलिस प्रशासन ने बीजेपी प्रत्याशी को जिताने के लिए एक विशेष समाज के लोगों को वोट डालने से रोक दिया।
इसी के चलते सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग से पुनः चुनाव कराने की अपील की है और कहा की चुनाव आयोग ने बीजेपी प्रत्याशी को जिताने के लिए खुली धांधली की है।
पुलिस प्रशासन भी था शामिल
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा की रामपुर विधानसभा By election 2022 में चुनाव आयोग और प्रशासन ने जिस प्रकार से धांधली की है। वह देश की जनता के साथ विश्वास घात किया है।
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जिस बूथ से सामाजवादी पार्टी को वोट जीत मिलती थी। उस बूथ पर वोट न पढ़ने से आसीम राजा हार गए। इसका जिम्मेदार केवल चुनाव आयोग और प्रशासन है।
और लोगों को मारा, गलियां भी दी। ऐसा पहली बार हुआ है की आजम खान के परिवार का कोई व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ा है।