क्या The Kashmir Files एक प्रोपगेंडा है या ….
देश में एक बार फिर से The Kashmir Files को लेकर लोग सवाल खड़े कर रहे हैं। एक बार फिर से द कशमीर फाइल्स चर्चा और विवादों के घेरे में आ गई है।
बता दें, की फिल्म एक सच्चे जीवन पर आधारित है। जिसमे कशमीर के पंडितों के पलायन और आपबीती पर बनाई गई थी।
लेकिन रिलीज के पहले ही से इस फ़िल्म का अधिक विरोध प्रदर्शन भी हुआ था। लेकिन सत्ता में बैठी बीजेपी सरकार व अन्य राज्य जहां बीजेपी की सत्ता है। काफी प्रचारित की गई है।
वहीं देश की विपक्षी पार्टियों ने उसका काफी विरोध भी किया और इस फ़िल्म को प्रोपगेंडा बताया। कुछ समय के लिए विवाद कुछ थम सा गया था।
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लेकिन हाल ही ने अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के चलते द कशमीर फाइल्स को लेकर चर्चा बढ़ने लगी और कश्मीर फाइल्स को प्रोपेगेंडा का नाम मिला है। वहीं इस फ़िल्म को राजनीति से भी जोड़ा गया है।
क्या The Kashmir Files सच्ची कहानी
भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र है। यहां लोकतन्त्र का ही बोल बाला होता है। भारत का एक रहस्यमई इतिहास रहा है। इसमें एक इतिहास कश्मीरी पंडितों के भी है।
बता दें, की The Kashmir Files एक सच्ची घटना पर ही बनाई गई है। 1990 के समय में एक बडी दुर्घटना के चलते अपने ही देश ने कश्मीरी पंडितों को डर कर रहना पड़ रहा था।
क्योंकि उस समय आतंकियों का कहर अधिक होने के कारण आतंकियों ने बहुत से कश्मीरी पंडितों को मार दिया गया था। जिसके बाद से हिंदुओं यानी काशमीरी पंडितो का पलायन हुआ था।
जिसमे लगभग 90 हजार से अधिक पण्डित जान गवा बैठे थे। कई रिपोर्ट के अनुसार ये भी पता चला की कशमीर में मरने वाले पंडितो की संख्या लगभग 1 लाख से अधिक थी।
विपक्षी दलों का बीजेपी आरोप
हाल ही में भारत में बीजेपी की ही सत्ता है। जिसके बाद The Kashmir Files को बढ़ावा भी बीजेपी ने ही दिया है। एक रिपोर्ट के अनुसार पता चला है
की बीजेपी द्वारा the kashmir files का प्रसार अधिक होने के कारण 2022 की सबसे ज़्यादा पैसा कमाने वाली फिल्म मानी जा रही है। बता दें की वहीं विपक्षी दल निरन्तर केंद्र सरकार पर आरोप लगा रहे हैं।
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की द कशमीर फाइल्स बीजेपी की एक प्रोपगेंडा फिल्म है। केवल हिंदुओं का समर्थन लेने के लिए ही इस फ़िल्म को बनाया गया है।
जबकि इस फिल्म के आने के बाद आज भी कश्मीरी पंडित हालात के चलते बीजेपी से नाराज़ ही है।