Bihar Caste Census: सुप्रीम कोर्ट का बिहार जाति जनगणना पर बड़ा फैसला…
Bihar Caste Census: इन दिनों बिहार मे सियासी पारा चढ़ा हुआ है। क्योंकि बिहार मे अब गठबंधन की सरकार चल रही है जहां मुखमंत्री नितीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव है।
दोनों ही नेताओ का मानना है की वह बिहार मे बहुत ही अच्छी सरकार चला रहे है और बिहार राज्य उनके कार्यकाल मे सुखी और खुशहाल है।
और बिहार की गठबंधन सरकार का मानना है की उनके राज्य मे सभी जाति के लोगों का विकास हो और राज्य के सभी लोग सुखी जीवन जियें। इस लिए बिहार की गठबंधन सरकार ने जातिगत जनगणना कराने का निर्णय लिया था। जो की बड़ा और अहम निर्णय है।
बिहार जातिगत जनगणना पर सुप्रीम कोर्ट की रोक
बिहार जातिगत जनगणना को लेकर 4 मई को पटना हाइ कोर्ट ने रोक लगाने के आदेश जारी किए। जिसके बाद से बिहार मे बिहार जातिगत जनगणना को लेकर राजनीति और तेज हो गई।
हालांकि बिहार जातिगत जनगणना Bihar Caste Census का कार्य लगभग पूरा होने को है। रिपोर्ट और अधिकारियों के मुताबिक बिहार जातिगत जनगणना का काम लगभग 80 प्रतिशत पूर्ण हो गया है। ऐसे में पटना कोर्ट का ये फैसला बिहार जातिगत जनगणना को काफी क्षति पहुँच सकता है।
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इस मुद्दे को लेकर पटना के कोर्ट के खिलाफ जाते हुए बिहार के सीएम ने 11 मई को सुप्रीम कोर्ट का रुख कर लिया। सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर राज्य सरकार ने अपना मत रखते हुए कहा की यदि Bihar Caste Census पर रोक लगाई जाती है।
तो पूरी प्रक्रिया पर काफी दुश प्रभाव पढ़ सकता है। लेकिन फिलहाल सुप्रिम कोर्ट ने बिहार की सरकार की याचिका पर अपना फैसला सुनाते हुए कहा की पटना कोर्ट के द्वारा लगाई गई रोक नहीं हटेगी।
बिहार में तेज हुई बिहार जातिगत जनगणना Bihar Caste Census पर राजनीति
बिहार जातिगत जनगणना Bihar Caste Census पर फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है जिस पर अब बिहार मे राजनीति तेज हो गयी है बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो गई है।
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क्योंकी बिहार जातिगत जनगणना Bihar Caste Census का काम लगभग पूरा हो गया था। लेकिन अब ये कार्य अधूरा ही रहेगा। वहीं हाल ही मे बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव ने इस पर चिंता जताते हुए बीजेपी को ही जिम्मेदार बनाया है।