turkey: दिल दहला सांसे बंद, चारों ओर छाया महाप्रलय का महाशोक!... सत्य न्यूज़ हिंदी

turkey: दिल दहला सांसे बंद, चारों ओर छाया महाप्रलय का महाशोक!…

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turkey: आज हम आपको विश्व स्तर पर गठित होने वाली ऐसी घटना के बारे में बताएंगे। जिसे जानकर आप का ह्रदय दहल जाएगा, इस घटना ने विश्व के 1,2 देश को नहीं बल्कि सैकड़ों देशों को शौक से ग्रस्त कर दिया है। बहुत सारे देशों के सीधे प्रधानमंत्री ने इस देश की सहायता के लिए अपने हाथ बढ़ा दिए

लेकिन यह घटित घटना इतनी हृदय विदारक थी की यह घटना जिस देश में घटित हुई उस देश के आसपास के कई देश आज भी इस घटना के शौक से निकल नहीं पा रहे हैं।

इसे कुदरत का कहर कहें या फिर मानव के द्वारा कुदरत के संसाधनों का शोषण यही दोनों स्पष्ट वजह है। जिसके कारण विश्व को इतना बड़ा नरसंहार झेलना पड़ा! आज हम इसी घटना की पड़ताल करेंगे और आपको सिलसिलेवार ढंग से बताएंगे कि यह घटना कहां घटित हुई और इसके पीछे कारण क्या था।

और इस घटना के द्वारा किन-किन लोगों को कष्ट झेलना पड़ा और हम आपको यह भी बताएंगे कि आप ऐसा क्या करें कि आपको इस तरह की ह्रदय विदारक घटना को सहन ना करना पड़े।

एक ऐसी भविष्यवाणी जिसके बाद आया कुदरत का सबसे बड़ा कोहराम

वैसे घटना एक है सवालात कई और यह सवालात सिर्फ इसलिए हैं क्योंकि इस घटित घटना से पूर्व इसकी भविष्यवाणी हो चुकी थी और यह घटना काफी हद तक मनुष्य के द्वारा किया गया।

कुदरत के शोषण के स्वरूप होती है दरअसल दक्षिण पूर्वी तुर्किये turkey और दक्षिणी सीरिया में इसी सोमवार को 7.8 की तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने 2300 से ज्यादा लोगों की जिंदगीयों को निगल लिया और एक पल में सैकड़ों बड़ी इमारतों को धराशाई कर दिया।

खैर यहां मलबे के नीचे दबे लोगों की तलाश अभी भी जारी है इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा की यह संख्या अभी और बढ़ने के आसार हैं। जहां यह भूकंप आया वहां से कई किलोमीटर दूर तक इसके झटके महसूस किए गए और बहुत सारी इमारतों में दरार भी आ गई है और इसीलिए जिन इमारतों में दरार आई है।

उससे भी लोगों को बाहर निकाला जा रहा है ताकि इस कुदरत के कहर को कुछ कम किया जा सके। वही तुर्किये turkey के शहर अदाना के एक निवासी ने बताया कि उसके आसपास की तीन इमारतें ध्वस्त हो गई हैं। राष्ट्रपति ने बताया कि भूकंप से करीब 3000 इमारतें ध्वस्त हो गई हैं।वहीं उपराष्ट्रपति ने बताया कि भूमध्य सागरीय तटीय शहर इस्कानदेरोन में एक अस्पताल ध्वस्त हो गया।

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लेकिन हताहतों की संख्या की तत्काल जानकारी नहीं मिली है। तुर्किये turkey के टेलीविजन स्टेशन ने तस्वीरें प्रसारित की हैं, जिनमें उनके स्टूडियो में रखी टीवी की स्क्रीन चार या पांच टुकड़ों में बट गई।

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कहरमनमारस शहर में बचाव कर्मियों ने दो बच्चों को जिंदा मलबे से निकाला है, और तस्वीरों में दिख रहा है कि बर्फ से ढके मैदान में उन्हें स्ट्रेचर पर लिटाया गया है। अब तक तुर्किये turkey की मदद के लिए दर्जनों देशों के अलावा यूरोपीय संघ और नाटो ने पेशकश की है और तलाशी व बचाव दल से लेकर चिकित्सा और धन भेज रहे हैं।

वही इन्हीं सब के बीच बहुत सारे देश के प्रधानमंत्री ने इस कुदरत के कहर को लेकर शोक जताया है। जिनमें अपने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी एक है।

वही लेबनान में भी लोगों ने करीब 40 सेकंड तक कंपन महसूस किया। लेबनान की राजधानी बेरूत में कई लोग घरों से बाहर निकल आए और कार की मदद से इमारतों से दूर चले गए। तुर्किये turkey के हतय प्रांत के विधायक हुसैन यायमन ने बताया कि उनके परिवार के कई सदस्य ध्वस्त मकान के मलबे में दब गए हैं।

अधिकारियों ने लोगों से सड़कों पर नहीं आने की अपील की है। इलाके की मस्जिदों को उन लोगों के लिए खोल दिया गया है जिनके घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं, क्योंकि इलाके में तापमान शून्य के करीब है।

कुदरत के कहर ने निगल लीं हजारों जिंदगियां! (turkey)

भूकंप की वजह से गैजियांतेप की पहाड़ी पर स्थित ऐतिहासिक कैसल को नुकसान पहुंचा है। किले की दीवार और निगरानी स्तंभों को भारी नुकसान पहुंचा है। वहीं, उत्तर-पश्चिमी सीरिया में कब्जे वाले इदलिब प्रांत में भूकंप ने एक नया संकट खड़ा कर दिया।

जो पहले ही कई वर्षों से रूसी और सरकार के हवाई हमलों को झेल रहा है। तुर्किये turkey की सीमा के नजदीक सीरियाई विद्रोहियों के कब्जे वाले छोटे शहर अजमरिन में कई बच्चों के शव कंबल में लपेटकर अस्पताल लाए गए हैं।

वही इन सबके बीच हमें यह भी ध्यान रखना होगा कि इस तरह की घटनाएं कोई स्वतः घटित नहीं होती इनके पीछे मनुष्य के द्वारा किए गए कई कारण होते हैं।

जैसे परमाणु बम का परीक्षण, जंगलों का विनाश, समरसेबल इत्यादि पानी के स्रोतों के लिए धरती को बहुत जगह से खोखला कर देना इत्यादि वही हम इन सभी बातों का ध्यान रखकर इस कुदरत के कहर से कुछ हद तक बच सकते हैं…

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