गाँधी फैमली अमेठी और रायबरेली से चुनाव लड़ेंगे या नहीं, इस मुद्दे पर वहां के लोगों का क्या कहना है?
गाँधी फैमली: गुज़रे कुछ दशकों से लगातार गांधी-नेहरू फॅमिली के सदस्यों ने UP के अमेठी तथा रायबरेली की सांसदी सीट संभाली है । उसको परियोजनाएं देकर खुद का गढ़ बनाया तथा लोगों से एक गहरा सम्बन्ध कायम किया ।
मगर वर्ष 2019 में जब बीजेपी की सांसद स्मृति ईरानी ने अमेठी से लोकसभा इलेक्शन में राहुल गांधी को पराजित किया तब से राहुल गांधी सिर्फ दो बार अमेठी आए ।
इस बार से अब रायबरेली से भी सोनिया गाँधी तबियत न ठीक होने के कारणों की वजह से 2024 साल का इलेक्शन नहीं लड़ेंगी ।
80 लोकसभा सीट वाले UP में कांग्रेस पार्टी के पास केवल रायबरेली से सोनिया गांधी सांसद हैं, तथा 403 विधानसभा सीटों में से केवल 2 विधायक हैं ।
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आंकड़ों के हिसाब से गाँधी फैमली का कोई भी सदस्य वर्ष 2024 में सांसद चुना जाएगा या फिर नहीं
अब अगर आंकड़ों को देखा जाय तो कांग्रेस पार्टी की कमज़ोरी से सवाल ये आता है कि गाँधी फैमली का गढ़ माना जाने वाला अमेठी तथा रायबरेली से क्या गाँधी फैमली का कोई भी सदस्य वर्ष 2024 में सांसद चुना जाएगा या फिर नहीं?
एक पत्रकार के हिसाब से अमेठी तथा रायबरेली के लोगों तथा कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं से ये जानने का प्रयास किया कि आखिर इसकी कितनी प्रतिशत सम्भावना है?
धीरे धीरे इंसान भूल जाएगा
55 वर्ष के राम खेलावन चौहान एक पान की शॉप चलाते हैं । दुकान के सामने ही एक फैक्ट्री है जो की इस फैक्ट्री को वर्ष 1982 में अमेठी से सांसद रह चुके राजीव गांधी ने स्टार्ट करवाया था ।
राम खेलावन का मानना हैं,की “राजीव गांधी ने ये फैक्ट्री लगवाई, तो हम सब लोगों ने अपनी अपनी शॉप डाल दी । दो 4पैसा कमा खा रहे हैं ।
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पत्रकार का कहना है की जिस रोज़ हम राम खेलावन से मिले थे उसी वख्त यानि उस दिन राहुल अमेठी में अपना भारत जोड़ो यात्रा कर रहे थे ।
वर्ष 2019 में स्मृति इरानी से करीब 50 हज़ार से ज़्यादा वोट से इलेक्शन हारने के बाद राहुल गाँधी साल 2022 के विधान सभा इलेक्शन के प्रचार में भी आए थे तथा फिर उसके दो वर्ष बाद राहुल अमेठी वापस लौट रहे हैं ।