Pak Election: नवाज़ शरीफ़ तथा इमरान ख़ान एक दूजे के किरदार में कैसे पहुँचे…
Pak Election: पाक में सियासत ऐसे वख्त से गुज़र रही है, इससे पहले कभी नहीं देखने को मिला पाकिस्तान के लोगों में राजनीती को लेकर ग़ुस्सा तथा निराशा है मगर वो उम्मीद के किरण के बारे में भी बातें करते हैं
करीब 24 करोड़ की जनसंख्या वाले पाक में लगातार तीसरी बार आम Pak election पाक इलेक्शन हो रहे हैं सैन्य शासन तथा तानाशाही के हिस्ट्री के लिहाज से देखें तो पाकिस्तान के लिए ये एक बड़ी ख़ास उपलब्धि हो सकती है
जबकि, 8 फ़रवरी का Pak election कथित सैन्य हस्तक्षेप के साये में हो रहा है, देश के इतिहास में अभी तक ऐसा कोई भी इलेक्शन नहीं रहा है, जो की विवाद के घेरों में न हो
आजकल के वख्त में पाकिस्तान के एक पहले के पीएम जेल में हैं तो वहीं दूसरे तरफ पूर्व पीएम स्वघोषित निर्वासन के बाद देश वापस लौट आए हैं
पाकिस्तान मुस्लिम लीग तथा नवाज़ शरीफ़
पाकिस्तान के नवाज़ शरीफ़ दोबारा फिर पाकिस्तान में चर्चा में हैं, वर्ष 2018 के Pak election पाक इलेक्शन में वो कैंडिडेट नहीं थे
नवाज़ शरीफ़ जेल में थे शरीफ़ करोड़ों के भ्रष्टाचार के मामले में मुजरिम क़रार दिया गया था और इसी की वजह से वो Pak election पाक इलेक्शन नहीं लड़ सकते थे
- मालदीव से हिंदुस्तानी सैनिक वापसी को तैयार, चीन का कितना होगा फ़ायदा?
- इलेक्शन रिजल्ट के बाद क्या जेल से बाहर आ जायँगे इमरान ख़ान ?
- धर्म की सियासत करने वाली पार्टी पाकिस्तान के सियासी अखाड़े में कहां खड़े हैं ।
उनकी तबीयत खराब के बाद वर्ष 2019 में वो अपने इलाज के लिए लंदन गए तथा फिर वहीं पर रहने लगे
पाकिस्तान के क्रिकेटर से बने नेता पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ के इमरान आज कल जेल में बंद हैं इमरान अपने ऊपर लगे इलज़ाम को ‘सियासी प्रतिशोध’ तथा ‘षडयंत्र’ बता रहे हैं
पाक के इमरान ख़ान के सत्ता में आने तथा जाने की स्टोरी दोनों सेना से जुड़ी है.
वर्ष 2018 में उन्ही आलोचकों ने उन्हें ‘सेना का मुखौटा’ भी बताया था तथा आज कल जब वो जेल में बंद हैं तो उनके सपोर्टरों का इलज़ाम है
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कि पाक के पूर्व पीएम के जेल में होने के पीछे होने का कारण सेना प्रमुख वजह हैं साल 2018 में ख़ान की छवि पाक का भविष्य बदलने वाले लीडर के रूप में बन रही थी
ख़ान अपने तक़रीर में वंशवाद की सियासत ख़त्म करने, भ्रष्ट नेता को जेल में डालने, न्यायपालिका में चेंजिंग करने तथा युवाओं को जॉब देने के साथ ही अर्थव्यवस्था को पटरी तथा स्पीड पर लाने की बात कर रहे थे